छत्तीसगढ़राज्य

नमाज, दरूद ख्वानी व तकरीर सहित होंगे कई आयोजन

भिलाई । शबे बराअत के मौके पर 13 फरवरी को शहर का मुस्लिम समुदाय मस्जिदों, घरों और कब्रिस्तान में इबादत करेगा। दुआओं का यह सिलसिला गुरुवार सुबह से शुरू होगा जो देर रात तक जारी रहेगा। कब्रिस्तान हैदरगंज इंतेजामिया कमेटी कैंप-1 की ओर से इस मौके पर कई आयोजन रखे गए हैं। इस मौके पर कब्रिस्तान इन्तज़ामिया की ओर से साफ-सफाई, रंग रोगन व लाइटिंग का काम पूरा हो चुका है। यहां एक रोज़ा महफि़ल शब- ए- बराअत इमाम-ए-आज़म अबू हनीफ़ा कॉन्फ्रेंस में आलिमे दीन जुटेंगे। शहर की तमाम मस्जिदों और ईदगाह में भी शानदार रोशनी की गई है।

कब्रिस्तान के हॉल में रविवार सुबह 8 बजे से कुरआन ख्वानी व दुरूद ख्वानी का सिलसिला शुरू होगा। इसके बाद सुबह 9:30 बजे से फातिहा ख्वानी और इज्तेमाई दुआएं होगी। शाम को जलसे की शुरुआत तकरीर व नात से होगी। जलसे में किछौछा शरीफ से सैय्यद मुहम्मद नूरानी अशरफ खास तौर पर शामिल होंगे। नात व मनकबत के लिए मशहूर ओ मारूफ़ सना खां जहीरुद्दीन रहबर रायपुरी और शहर ए भिलाई के तमाम उलमाए कराम मौजूद रहेंगे।

निजामत नकीबे आजम छत्तीसगढ़ मौलाना गुलाम मोहियुद्दीन रज़वी फरीद नगर करेंगे और सदारत हाफिज व कारी मौलाना इकबाल हैदर अशरफी इमामो-खतीब जामा मस्जिद सेक्टर-6 करेंगे। आयोजन कमेटी ने दोहराया है कि यह प्रोग्राम खालिम रूहानी व दीनी है सियासत ए हाजरा से इस का कोई ताल्लुक नहीं है। गुनाहों से बरी होने की रात है शबे बराअत:मौलाना इकबाल शबे बराअत के आयोजन के बारे में जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमाम खतीब मौलाना मोहम्मद इकबाल अंजुम हैदर अशरफी ने बताया कि शब के मायने रात और बराअत के मायने बरी होने से है। शबे बराअत की रात बहुत बरकतों वाली और अल्लाह को राजी करने वाली होती है। हदीस में आया है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद (सअव) शबे बराअत में सऊदी अरब के जन्नतुल बकी (एक कब्रिस्तान) में जा कर दुआएं करते थे।

उन्ही के रास्ते पर चलते हुए लोग शबे बराअत पर कब्रिस्तान जाकर अपने मरहूम (दिवंगत) परिजनों की कब्र पर दुआएं करते हैं। मौलाना अशरफी ने कहा कि यही वह रात है जब अल्लाह तआला रहमत के 300 दरवाजे खोल देता है और हर उस शख्स को बख्श देता है जिसने उसके साथ किसी को शरीक नहीं ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस रात लोग अपने तमाम छोटे-बड़े गुनाहों पर शर्मिंदा होकर अल्लाह की बारगाह में तौबा करें तो उसकी तौबा जरूर कुबूल होती है।

शाम की नमाज में भी होगी खास इबादत जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमाम हाफिज व कारी इकबाल अंजुम हैदर ने बताया कि शबे बराअत पर शाम की नमाज (मगरिब) के बाद तीन मरतबा सूरए यासीन शरीफ सुनाया जाता है और 2-2 रकअत के साथ नफिल नमाज पढ़ी जाती है। इसके बाद दुआएं की जाती है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 में शाम को मगरिब की अजान शाम 6:05 बजे होगी। इसके बाद नमाज और इसके ठीक बाद सूरए यासीन सुना जाएगा और लोग नफिल नमाज पढ़ेंगे। शहर की दूसरी मस्जिदों में भी यह आयोजन होगा।

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