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तीनों सेना प्रमुखों के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंचे CDS चौहान

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों की वीरता और समर्पण की सराहना की, जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत के जवाब को एक शानदार सफलता बनाया।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी के साथ बुधवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर पोस्ट किया कि “चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों की वीरता और समर्पण की सराहना की, जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत के जवाब को एक शानदार सफलता बनाया।”

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ये हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने सीसीएस (सुरक्षा पर कैबिनेट समिति) की बैठक के बाद दोनों देशों के बीच वर्ष 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। इसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoK) के अंदरूनी इलाकों में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए।

इस बीच, 12 मई को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में एयर स्ट्राइक के बाद अब ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति है। प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करने का जिक्र किया और कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।

पीएम ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान के साथ बातचीत होगी तो वह सिर्फ आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को खाली कराने पर होगी जो उसके अवैध कब्जे में है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक नया मानदंड स्थापित किया है और एक नया मानदंड और नई सामान्य स्थिति स्थापित की है।

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