
पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पटना महागठबंधन में शामिल हुए। बिहार में वोटर लिस्ट स्क्रीनिंग को लेकर विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए ‘धांधली’ की गई थी। केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार इस साल के अंत में होने वाले बिहार चुनावों में भी ऐसा करना चाहती है। हम इसे होने नहीं देंगे
राहुल गांधी ने विरोध मार्च के दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा और NDA को लाभ पहुंचाने के लिए धांधली की गई थी। वे बिहार में भी इसे दोहराना चाहते हैं जो हम होने नहीं देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेराफेरी करने के ‘महाराष्ट्र मॉडल’ का विस्तार है और इससे न केवल लोगों के वोट देने के अधिकार को बल्कि उनके पूरे भविष्य को हथिया लिया जाएगा।
राहुल गांधी ने कहा, निर्वाचन आयोग को संविधान की रक्षा करनी चाहिए वह भाजपा के निर्देशों पर काम कर रहा है। इन निर्वाचन आयुक्तों को भाजपा ने ही नामित किया है। मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चुनावी चोरी का एक प्रयास है। हम निर्वाचन आयोग को मतदाताओं, खासकर युवाओं के (मतदान के) अधिकार छीनने नहीं देंगे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। उनके साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा और अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता भी थे। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग में भाजपा द्वारा नामित लोग शामिल हैं और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य सत्तारूढ़ पार्टी की सेवा करना है।
राहुल गांधी ने कहा, निर्वाचन आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भाषा बोल रहा है। पहले निर्वाचन आयोग के सदस्यों के चयन में भारत के प्रधान न्यायाधीश और विपक्ष के नेता शामिल होते थे। लेकिन अब हमें इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है और भाजपा द्वारा नामित निर्वाचन आयुक्तों के नामों वाला एक कागज थमा दिया गया।
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की मतदाता सूची में कथित तौर पर फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े जाने की ओर इशारा करते हुए कहा, हम ‘महाराष्ट्र मॉडल’ का पहले ही पर्दाफाश कर चुके हैं। महाराष्ट्र में भाजपा नीत गठबंधन ने पिछले साल विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की थी, जबकि कुछ महीने पहले ही लोकसभा चुनावों में उसका निराशाजनक प्रदर्शन रहा था।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, महाराष्ट्र की मतदाता सूची में भारी विसंगतियां पाई गईं। जहां हजारों मतदाताओं को एक ही घर का निवासी दिखाया गया। जब हमने इन विसंगतियों को उजागर किया तो निर्वाचन आयोग ने हमारे साथ विवरण साझा करने से इनकार कर दिया और वह भाजपा-आरएसएस की भाषा बोलता रहा। उन्हें याद रखना चाहिए कि वे यहां जनता की सेवा के लिए हैं, भाजपा की सेवा करने के लिए नहीं।
राहुल गांधी ने कहा, वे महाराष्ट्र मॉडल को कहीं और भी दोहराना चाहते हैं। इस बार वे कई मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि यह बिहार है। यहां के लोग उनकी साजिशों को देख सकते हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में महागठबंधन द्वारा आहूत राज्यव्यापी बंद के मद्देनजर विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के सड़कों पर उतरने से राज्य के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात बुधवार को बाधित हो गया। विपक्षी दलों के नेताओं ने पटना के महात्मा गांधी सेतु पर टायर जलाकर सड़क यातायात बाधित किया।