
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई। ग्राम उदयपुर स्थित कांजी हाउस की बदहाल स्थिति ने बड़ी चिंता पैदा कर दी है। लगातार बारिश और व्यवस्थाओं की कमी के चलते पिछले दिनों तीन गायों की मौत हो चुकी है, जबकि शेष गायें गंदगी और कीचड़ में फंसी हुई हैं।
जहां केवल 20–25 गायों को रखने की क्षमता है, वहां 100 से अधिक गायें ठूंस-ठूंसकर भरी गई हैं। चारा, शेड और समतल जगह की अनुपलब्धता के कारण कई बार गायें दम घुटने से मर रही हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जिम्मेदार मौन हैं और गायों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है। वहीं, वर्तमान में जिले में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कांजी हाउस की स्थिति नहीं सुधरी तो महामारी का खतरा और बढ़ सकता है।
इस मुद्दे पर युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुलशन तिवारी ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा –
“पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गायों की सुरक्षा हेतु गौठान योजना लागू की थी, लेकिन भाजपा सरकार आते ही इस योजना को ठप कर दिया गया। आज परिणाम सबके सामने है – भाजपा सरकार गायों की सुरक्षा में नाकाम साबित हो रही है।”
वहीं, ग्राम पंचायत उदयपुर के सरपंच रोशन मांडले ने कहा –
“गायों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सबसे पहले ग्रामवासियों की होती है। गांव स्तर पर सामूहिक जिम्मेदारी निभाए बिना केवल प्रशासन पर आरोप लगाना समाधान नहीं है।”
ग्रामीणों की मांग है कि कांजी हाउस की तत्काल सुधार हो, अन्यथा स्थिति और गंभीर हो सकती है।