छत्तीसगढ़राज्य

“मां आनंदिनी फाउंडेशन” — परिवार सेवा को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

प्रकृति और परिवार का अदभुत संगम,,*मधुबन खुशबू देता हैं " सागर सावन देता हैं"*

जब सामाजिक ताने-बाने में दूरी और विघटन बढ़ता जा रहा है, ऐसे में “मां आनंदिनी फाउंडेशन” द्वारा परिवार सेवा, सांस्कृतिक मूल्यों और सामूहिक सहयोग को पुनः जीवंत करने हेतु एक सराहनीय पहल की गई।

फाउंडेशन के तत्वावधान में एक भव्य सांगीतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य संगीत के माध्यम से समाज में सेवा, एकता और पारिवारिक मूल्यों के संदेश को प्रसारित करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती के पूजन से हुई। एंकर श्वेता विजय चौरे ने मंच ,, पे सभी मां आनंदिनी के सितारों की गीतों की माला ,,अर्पण करवाती रही गुरु श्री अवतार सिंह धनजल जी हार्मोनियम ,में तबला में, गौरव विश्वास, सचिव ऐश्वर्या मिश्रा ने अपनी आवाज से आगाज,,मधुबन खुशबू देता,सागर सावन देता है।,लता सिंह, ए दिल मुझे बता दे,,साक्षी बजाज,, किस लिए मैने प्यार किया,,काजल अग्रवाल,,होश वालो को खबर क्या,,मंजू शर्मा,, आइए मेहरबान बैठिए जाने जा,,शिखा, गोलछा,, पत्थर के सनम, दिया मूलचंदानी,,रहे न रहे हम,,लाबी जुदाई,,मीनाक्षी केसर वानी,,चलो सजना जहां तक घटा चले,, मोहिनी मालावार बड़ा नटखट है कृष्ण कन्हैया,,, छत्तीसगढ़ की लता,, आसिया सोनू, कौन दिशा,में चला , ,, चांदी सा चमकता,,गीत गाया चल,, चांद जैसे मुखड़े,,हम दोनों, दो प्रेमी, ,,,,होगा ,, तुमसे प्यारा कौन, हर दर्शक सुन कर झूम रहे थे ।इसके पश्चात, विभिन्न गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। गीतों में न सिर्फ संस्कृति और संस्कारों की झलक थी, बल्कि उसमें सेवा, प्रेम और परिवार के प्रति समर्पण की भावना भी स्पष्टरूप से परिलक्षित हुई।

 

फाउंडेशन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं: 🔹 बुज़ुर्गों के सम्मान और सेवा को बढ़ावा देना

🔹 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास

🔹 बच्चों में नैतिक मूल्यों का संचार

🔹 पारिवारिक एकता और परंपराओं को सहेजना

🔹 ज़रूरतमंद परिवारों की सहायता व मार्गदर्शन

कार्यक्रम के दौरान फाउंडेशन की संस्थापिका मां नंदिनी जी ने कहा:

“हमारा विश्वास है कि जब परिवार सशक्त होंगे, तभी समाज और राष्ट्र भी मजबूत होंगे। सेवा से ही संबंध बनते हैं, और संबंधों से ही समाज की नींव रखी जाती है।”

इस अवसर पर अनेक गणमान्य नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, अभिभावक और युवा वर्ग उपस्थित रहे और सभी ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए सक्रिय सहभागिता की।

कार्यक्रम के समापन पर “परिवार से परिवर्तन की मशाल जलाने” का संकल्प लिया गया और सभी को “मां आनंदिनी फाउंडेशन” की सेवायात्रा से जुड़ने का आमंत्रण दिया गया।

सेवा से संबंध, और संबंध से समाज निर्माण” — मां आनंदिनी फाउंडेशन

 

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