छत्तीसगढ़राज्य

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने में मोबाइल कनेक्ट नहीं होना बना रोड़ा, 15 अप्रैल है डेड लाइन ‌

रायपुर। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाने में मोबाइल नंबर कनेक्ट नहीं होने के कारण वाहन मालिकों को आरटीओ दफ्तर तक दौड़ लगानी पड़ रही है। इसे देखते हुए सभी जिला परिवहन कार्यालय में अतिरिक्त काउंटर बनाए गए हैं।

वहां मोबाइल नंबरों को कनेक्ट करने के साथ ही अपडेट किया जा रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 15 अप्रैल की अंतिम तिथि को देखते हुए वाहन मालिक लगातार एचएसआरपी लगाने के लिए आवेदन दे रहे हैं।

हालांकि, अब भी करीब 15 प्रतिशत वाहन मालिकों ने नंबर प्लेट नहीं लगवाई है। प्रदेशभर में करीब 8,2000 वाहनों में एचएसआरपी लगाए जा चुके हैं। वहीं 3,8000 वाहनों का पंजीयन कराया गया है। मगर, अब भी करीब 32 लाख वाहनों में इसे लगाया जाना है।

रायपुर में कलेक्ट्रेट, रावांभाठा और पंडरी स्थित सिटी सेंटर परिवहन सेवा केंद्र में मोबाइल नंबर कनेक्ट कराने के लिए दो अलग से काउंटर खोले गए हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अभिसूचना के अनुसार केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के तहत एक अप्रैल 2019 से पुराने वाहनों में HSNP लगाया जाना जरूरी है।

प्रदेशभर में परिवहन विभाग में इस समय 80 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं। इनमें दोपहिया, तीन पहिया से लेकर मालवाहक और अन्य वाहन शामिल हैं। इनमें से 2019 के पहले के करीब 50 लाख वाहन शामिल हैं।

परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि करीब आठ लाख वाहन जर्जर होने और 20 साल से ज्यादा पुराने होने के कारण सड़कों से बाहर हो चुके हैं। दोपहिया, ट्रैक्टर और ट्रेलर का शुल्क जीएसटी सहित 365.80 रुपये, तीन पहिया के लिए 427.16, हल्की मोटरयान, पैसेंजर कार के लिए 656.08 और 705.64 रुपये निर्धारित किया गया है।

सभी भुगतान डिजिटल मोड माध्यम से किए जा रहे हैं। ऑटोमोबाइल डीलरों द्वारा एक अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत मोटर वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिह्न प्रत्येक इंस्टालेशन के लिए 100 रुपये अतिरिक्त चार्ज के साथ लगाया जाना है।

वाहन मालिक एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने के लिए परिवहन विभाग के सीजी ट्रांसपोर्ट डॉट गर्वमेंट डॉट इन पर जाकर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। परिवहन सेवा केंद्र और संबंधित जिला आरटीओ में आवेदन भी किया जा सकता है। इसे लगाने की जिमेदारी रोसमार्टा सेटी और रियल मेजान इंडिया लिमिटेड कंपनी को सौंपी गई है।

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