छत्तीसगढ़राज्य

युक्तियुक्तकरण के खिलाफ आम आदमी पार्टी का 11 जुलाई को प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन

शिक्षा व्यवस्था की दुर्गति भाजपा सरकार का लक्ष्य गोपाल साहू, प्रदेश अध्यक्ष, AAP, छग

रायपुर । आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने छत्तीसगढ़ में सरकार के युक्तियुक्तकरण से बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने युक्ति युक्त कारण लागू करके इतने सालों पुरानी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है और बच्चों का भविष्य अंधकारमय कर दिया है। आम आदमी पार्टी आगामी 11 जुलाई 2025 को युक्तियुक्तकरण के विरोध में सभी जिलों में धरना प्रदर्शन करेगी।


उन्होंने कहा कि आरटीई की भर्ती में गड़बड़ी हो रही है। पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा सरकारी और निजी स्कूलों में फ्री में वितरित की जाने वाली स्कूलों को पुस्तकों को शिक्षा सत्र चालू होने के डेढ़ माह बाद भी उपलब्ध नहीं करा पाया। रायपुर सहित पूरे प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारी और प्राइवेट स्कूल संचालकों की मिलीभगत के चलते छात्रों को निशुल्क पाठ पुस्तक नहीं मिल पा रही है जिस कारण उन्हें महंगे और अतिरिक्त सिलेबस वाले गुणवत्ता विहीन पुस्तक खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार शिक्षा नीति के मोर्चे पर विफल रही है। युक्तियुक्तकरण के नाम पर हज़ारों स्कूलों को बंद कर देने के बाद कई स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं।

प्रदेश महासचिव (सोशल मीडिया, मीडिया प्रभारी),मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने कहा कि 63 हजार शिक्षकों के पदों को भरने में नाकाम रही है सरकार,नाकामी छुपाने 10 हजार स्कूल बंद कर दिया गया ताकि छत्तीसगढ़ के युवाओं को नौकरी नहीं देना पड़े इसलिए युक्तियुक्तकरण किया गया है। युवाओं और छात्रों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आम आदमी पार्टी विरोध जताती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने युक्तियुक्तकरण के तहत स्कूलों को आपस में मिलाया गया, शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया और कई छोटे स्कूलों को बंद किया गया। लेकिन वास्तविकता में इसके नतीजे कई जगहों पर नकारात्मक साबित हुए। युक्तियुक्तकरण के तहत जब दो स्कूलों को मिलाया गया, तो कई छात्रों को अब 3-5 किमी दूर स्कूल जाना पड़ रहा है। इससे खासकर बालिकाओं की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है। जहाँ एक ओर शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया, वहीं कई स्कूल ऐसे रह गए जहाँ विषय विशेषज्ञ शिक्षक ही नहीं हैं। बच्चों को बिना गणित या विज्ञान शिक्षक के पढ़ाई करनी पड़ रही है। कई स्थानों पर बिना स्थानीय स्थिति को समझे स्कूलों का विलय किया गया। इससे सामाजिक, भौगोलिक और आर्थिक बाधाएँ सामने आईं। जो स्कूल बंद कर दिए गए, उनके भवन जर्जर हो रहे हैं, और कई जगहों पर सरकारी संसाधन व्यर्थ जा रहे हैं।

प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी व प्रदेश उपाध्यक्ष नंदन सिंह ने कहा कि उदाहरण से समझिये की धरसींवा विकासखंड में परसतराई में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है जो की 1962 से संचालित है, वर्तमान सरकार के युक्तियुक्तकरण से स्कूल शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है, विडंबना देखिए की 3 कक्षाओं के लिए एकमात्र अंग्रेजी का शिक्षक है और वही शिक्षक विज्ञान की क्लास भी लेतें हैं! बलौदाबाजार जिले के नगर पंचायत के एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं 50 किलोमीटर दूर कलेक्ट्रेट जाकर विरोध प्रदर्शन कर सरकार को अपने बर्बाद होते भविष्य पर चेतावनी तक दे डाली।

प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा झा और प्रदेश सह सचिव अनुषा जोसेफ ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा की बदहाल व्यवस्था देख लीजिये की बच्चों को पढ़ाई लिखाई छोड़कर प्रदर्शन करना पड़ रहा है? बस्तर, सरगुजा, कांकेर जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में छात्र संख्या में गिरावट और स्कूल से ड्रॉपआउट दर में इज़ाफ़ा देखा गया है।दंतेवाड़ा में एक स्कूल को 7 किमी दूर स्थानांतरित किया गया, जिससे बच्चे आना बंद कर दिए हैं! गांव के एक स्कूल में तो शिक्षक ना होने के कारण बच्चों ने खुद स्कूल में ताला लगा दिया।

रायपुर लोकसभा अध्यक्ष अज़ीम खान, महासचिव प्रदुमन शर्मा व लोकसभा कोषाध्यक्ष नवनीत नंदे ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अभिभावक और पंचायतें इस नीति का विरोध कर रहीं हैं। 1 जुलाई 2025 को साझा शिक्षक संघ ने राज्यव्यापी हड़ताल की जिसमें राज्य के लगभग 2 लाख शिक्षक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और संघ मानता है कि सरकार ने केवल कागज़ों में सुधार किया है, ज़मीनी हकीकत अनदेखी रह गई। संघ ने मांग की कि शिक्षा व्यवस्था यदि सरकार नहीं सुधारती है तो वे आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे।  वर्तमान में छत्तीसगढ़ की शिक्षा प्रणाली इस नीति से प्रभावित होकर बदहाल हो गयी है।

रायपुर शहर अध्यक्ष पुनारद निषाद, उपाध्यक्ष मिथलेश साहू ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार से मांग करती है कि इस युक्तियुक्तकरण को सरकार तुरंत रद्द करे और यदि निर्धारित समय सीमा में शिक्षा में सुधार नहीं होता है तो पूरे छत्तीसगढ़ में प्रभावित जनता के साथ मिलकर इससे भी बड़ा आंदोलन किया जायेगा।

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