विधानसभा मानसून सत्र : राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी का मुद्दा

रायपुर । विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से ही राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी का मुद्दा गरमा गया। अकलतरा विधायक राघवेंद्र कुमार सिंह के लिखित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि प्रदेश के कुल 48,559 शासकीय स्कूलों में 25,907 शिक्षकीय पद रिक्त हैं।
कितने स्कूल और कितने पद खाली?
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में संचालित सरकारी स्कूलों का वर्गीकरण इस प्रकार है:
प्राथमिक शाला: 30,726
पूर्व माध्यमिक शाला: 13,085
हाई स्कूल: 1,872
हायर सेकेंडरी स्कूल: 2,876
इन स्कूलों में निम्नलिखित प्रमुख पद रिक्त हैं:
प्राचार्य: 3,443
व्याख्याता: 6,773
प्रधान पाठक (पूर्व माध्यमिक): 2,984
शिक्षक: 4,750
प्रधान पाठक (प्राथमिक): 1,533
सहायक शिक्षक: 6,424
कुल रिक्त पद: 25,907
भर्ती की योजना क्या है?
जब विधायक सिंह ने रिक्त पदों पर भर्ती की समयसीमा और कार्ययोजना के बारे में पूछा तो मुख्यमंत्री ने लिखित जवाब में कहा कि “भर्ती एक सतत प्रक्रिया है और इसकी समय-सीमा तय करना संभव नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया चल रही है लेकिन इसे पूरा होने में समय लगेगा।
यू-डाइस नंबरों की स्थिति
सदन में यह सवाल भी उठा कि युक्तियुक्तकरण से पहले और बाद में कितने शासकीय स्कूल यू-डाइस नंबर से संचालित हो रहे हैं? मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 में कुल 4859 यू-डाइस नंबर थे, लेकिन युक्तियुक्तकरण के बाद सभी 48,559 स्कूलों के लिए यू-डाइस नंबर उपलब्ध हैं।
विपक्ष का तंज, शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
इस जवाब के बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही है और सरकार शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद भर्ती में टालमटोल कर रही है। विधायक राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि “जब एक स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नहीं होंगे, तो शिक्षा की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ेगा।”
छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में पदों की भारी कमी और भर्ती में देरी से शिक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि राज्य सरकार इन 26 हजार रिक्तियों को भरने के लिए कब ठोस कदम उठाएगी।