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लॉर्ड्स ऑनर बोर्ड पर नाम दर्ज कर रोमांचित बुमराह ने आलोचकों को लगाई लताड़ा

भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के 5/74 के प्रदर्शन को लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड में शामिल किया गया है। इस उपलब्धि को वह अपने बेटे अंगद के साथ साझा करना चाहते हैं। दाएं हाथ के गेंदबाज ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि जब उनका बेटा बड़ा होगा तब वह उसे इसके विषय में बताएंगे।

31 वर्षीय गेंदबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ जारी तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन पहली पारी में पांच विकेट लिए। लॉर्ड्स में बुमराह ने पहली बार टेस्ट मैच की किसी पारी में इतने विकेट लिए हैं। शुक्रवार का खेल समाप्त होने के बाद जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने पांच विकेट हॉल हासिल करने के बाद जश्न क्यों नहीं मनाया, इसके जवाब में बुमराह ने कहा- ‘सच तो यह है कि मैं थक गया था। मैं 21 साल के लड़के की तरह उछल-कूद नहीं कर सकता। मुझे खुशी है कि मैंने योगदान दिया। ऑनर्स बोर्ड पर नाम देखकर अच्छा लगा। यह एक ऐसी बात है जिसके बारे में मैं अपने बेटे को बड़ा होने पर बता सकता हूं।’

बुमराह भारत के 15वें गेंदबाज हैं जिन्होंने लॉर्ड्स में पांच या इससे अधिक विकेट लिए हैं। वहीं, बुमराह विदेशी धरती पर सर्वाधिक बार फाइव-फर लेने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। बुमराह उन भारतीय गेंदबाजों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने लॉर्ड्स मैदान पर फाइव-फर पूरे किए हैं। बुमराह से पहले मोहम्मद निसार, अमर सिंह, लाला अमरनाथ, वीनू मानकड़, रमाकांत देसाई, बीएस चंद्रशेखर, बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, चेतन शर्मा, वेंकटेश प्रसाद, आरपी सिंह, प्रवीण कुमार, भुवनेश्वर कुमार और ईशांत शर्मा ऐसा कर चुके हैं।

दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद बुमराह ने उनकी फिटनेस पर सवाल खड़े करने वालों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा- ‘लोग दर्शकों के लिए सनसनी फैलाना चाहते हैं, मैं समझता हूं कि वे इन सब से पैसा कमाना चाहते हैं। मुझे खुशी है कि मैं उनकी इसमें मदद कर रहा हूं। यादें महत्वपूर्ण हैं और मैं जितना हो सके उतना योगदान देना चाहता हूं।’ बता दें कि, बुमराह को एजबेस्टन टेस्ट में आराम दिया गया था। भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल ने बताया था कि तेज गेंदबाज के वर्कलोड को मैनेज करने के उद्देश्य से उन्हें आराम दिया गया है। इस दौरे पर बुमराह अपना दूसरा मुकाबला खेल रहे हैं

इस दौरान बुमराह ने युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी बात की। उन्होंने कहा- ‘ये युवा बहुत आत्मविश्वासी हैं और उन्हें बहुत ज्यादा मार्गदर्शन या जानकारी की जरूरत नहीं है। जब भी और जिस भी क्षमता में उन्हें मेरी जरूरत होगी, मैं उनकी मदद के लिए तैयार हूं, और मैं यहां पिछले दौरों में सीखे अपने अनुभव उनके साथ साझा करता हूं।’

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