
राजनांदगांव । शहर के मोहड इलाके में अवैध रेत खनन को लेकर हुए मारपीट और फायरिंग के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फरार आरोपी कृष्णा उर्फ गोलू गुर्जर को ग्वालियर (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से देशी कट्टा, जिंदा कारतूस और महिंद्रा XUV कार बरामद की गई है।
यह खुलासा पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में किया। उन्होंने बताया कि आरोपी रेत माफिया सिंडीकेट का हिस्सा था, जो रेत निकालने, बेचने और सुरक्षा के लिए बाहरी युवकों की मदद से संगठित तरीके से काम कर रहा था।
क्या हुआ था 11 जून को?
11 जून की शाम ग्राम मोहड (शिवनाथ नदी) में अवैध रूप से रेत निकालने के लिए जेसीबी मशीन से रैम्प तैयार किया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध किया, जिसके बाद मौके पर पहुंचे कार सवार 7-8 युवकों ने न सिर्फ मारपीट की बल्कि फायरिंग भी की। इस हमले में कई ग्रामीण घायल हो गए और पूरे गांव में तनाव फैल गया। मामले में बसंतपुर थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी।
अब तक 8 आरोपी गिरफ्त में
इस मामले में पहले ही 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है:
जेसीबी चालक भगवती निषाद
पार्षद संजय रजक
अभिनव तिवारी, अतुल सिंह तोमर, जितेन्द्र नारौलिया, अमन सिंह परिहार, और अभय सिंह तोमर
अब आठवां आरोपी गोलू गुर्जर भी गिरफ्त में है, जो ग्वालियर से पकड़ा गया।
सिंडीकेट का पर्दाफाश
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने रेत खनन को लेकर भूमिकाएं बांट रखी थीं। इसमें 800 रुपये प्रति ट्रैक्टर और ₹3,000 प्रति हाइवा तक की अवैध आमदनी होती थी। इसके लिए स्थानीय समर्थन, बल प्रयोग, और बाहरी युवकों की भर्ती कर संगठित नेटवर्क खड़ा किया गया था।
अब भी फरार हैं मुख्य आरोपी
पुलिस की चार टीमें अब भी मुख्य आरोपी संजय सिंह बघेल और अन्य फरार लोगों की तलाश में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दबिश दे रही हैं। पुलिस को संदेह है कि यह एक संगठित अवैध रेत तस्करी गिरोह है, जिसमें और भी कई लोगों की संलिप्तता हो सकती है।
मोहड गोलीकांड और अवैध रेत खनन मामले में राजनांदगांव पुलिस की त्वरित कार्रवाई जारी है। गिरफ्तारी से यह साफ है कि राज्य में रेत के अवैध कारोबार के पीछे संगठित सिंडीकेट काम कर रहा है, जिसमें राजनीतिक और बाहरी नेटवर्क की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।