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संजय वात्सायन बने भारतीन नौसेना के 47वें उपप्रमुख, रणनीति और मिसाइल सिस्टम में हासिल है बादशाहत

वाइस एडमिरल संजय वात्सायन (Vice Admiral Sanjay Vatsayan) ने एक अगस्त को नौसेना (Navy) के 47वें उपप्रमुख के रूप में पदभार संभाल लिया। वह मिसाइल (Missile) और गनरी सिस्टम (Gunary System) के विशेषज्ञ हैं। इससे पहले वे कई अहम संचालन, स्टाफ और प्रशिक्षण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। भारतीय नौसेना ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी।

संजय वात्सायन ने एक जनवरी 1988 को नौसेना में कमीशन प्राप्त किया था। अपनी सेवा के दौरान उन्होंने डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (Deputy Chief of Integrated Defence Staff), पूर्वी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ, नेशनल डिफेंस अकादमी के डिप्टी कमांडेंट, पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग और नौसेना मुख्यालय में पॉलिसी और प्लान्स के सहायक प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।

वत्स्यायन ने वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामिनाथन का स्थान लिया है, जिन्होंने पश्चिमी नौसेना कमान (वेस्टर्न नेवल कमांड) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (FOCinC) का पद संभाल लिया है। यह बदलाव 31 जुलाई को मुंबई में INS शिकरा में एक समारोह के दौरान हुआ। स्वामिनाथन ने गौरव स्तंभ पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

कृष्णा स्वामिनाथन ने भी 1 जुलाई 1987 को नौसेना में कमीशन प्राप्त किया था। वे नेशनल डिफेंस अकादमी, यूके के श्रिवेनहम स्थित ज्वाइंट सर्विसेज कमांड और स्टाफ कॉलेज, करंजा के कॉलेज ऑफ नेवल वॉरफेयर और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज से शिक्षित हैं। उन्होंने INS विद्युत, INS विनाश, INS कुलिश, INS मैसूर और INS विक्रमादित्य जैसे जहाजों की कमान संभाली है।

इसके साथ ही वाइस एडमिरल विनीता मैकार्टी ने एक और अहम पदभार संभाला है। उन्होंने इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के डिप्टी चीफ (नीति योजना और बल विकास) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है। इससे पहले वे नेवल मुख्यालय में कंट्रोलर पर्सनल सर्विसेज के पद पर कार्यरत थे। उनकी नियुक्ति से तीनों सेनाओं के बीच तालमेल, रणनीतिक नीति निर्माण और भविष्य की सैन्य तैयारी को गति मिलेगी।

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